History of Computer in Hindi By :- Vijay Pradhan Sir
कंप्यूटर का इतिहास (History of
Computer in Hindi) लगभग 300 ई.पू. पहले का माना जाता है, जब मनुष्य गिनती (Counting) करने के लिये लकड़ी, पत्थर, उंगलियों और हड्डियों का उपयोग करते थे। असल मे एक Calculating Device की खोज
में ही मनुष्य ने Computer का
अविष्कार किया। दिलचस्प बात ये है, कि शब्द ‘कंप्यूटर‘ का प्रयोग
16 वीं शताब्दी में ऐसे व्यक्ति के लिये
होता था जो गणितिय गणना करने में माहिर हो।
कंप्यूटर का इतिहास – Brief History of Computer in
Hindi
जैसा हमने अभी पढ़ा कि कई सौ
साल पहले Computer
शब्द का प्रयोग मशीन के
लिये नही बल्कि उन व्यक्तियों के लिये किया जाता था जो जटिल गणितीय गणनाओं (Mathematical
Calculation) को
हल करने में सक्षम होते थे। इन्ही महान गणितज्ञों ने कैलकुलेशन को आसान बनाने के
लिये कई प्रकार की संख्या प्रणालियों (Number Systems) को
जन्म दिया।
Abacus
प्राचीन
काल मे गणना करने के लिये कई प्रकार की Calculating Machine का उपयोग किया गया परन्तु Abacus उनमें
सबसे प्रमुख रहा जिसका Asia के
कई देशों में आज भी इस्तेमाल होता है। हालांकि Abacus का अविष्कार Babylonian में 2400 ई.पू. हो गया था। परन्तु जिस रूप से
हम सबसे अधिक परिचित है, उसे China में पहली बार लगभग 500 ई.पू. में विकसित किया गया था। चीन
में इसे “Suanpan”
अर्थात Calculating Pan कहा जाता है।
ये डिवाइस आमतौर पर लकड़ी से
बनी होती है। जिसमे कई धातु की छड़े लगी होती है, जिन पर लकड़ी या मिट्टी से बने मोतियों को पिरोया गया होता है। इसके
चित्र में आप देखेंगे मोतियों को एक केंद्र छड़ी जिसे ‘Bar’ कहते है कि मदद से विभाजित किया गया
है। इन मोतियों को नियम के हिसाब से ऊपर-नीचे करके ही बुनयादी अंकगणितीय गणनाएं (Arithmetic Operations)
जैसे जोड़ और घटाना किये
जाते थे।
ABC Computer लगभग 30 निर्देश प्रति सेकंड निष्पादित करने में सक्षम था। इसके साथ ही
इसमें कई महत्वपूर्ण चीजे कंप्यूटर इतिहास में पहली बार लागू की गई थी जो आज भी
आधुनिक Computer में मौजूद है
जैसे:
·
दिए गए डेटा में
सभी संख्याओं को प्रदर्शित करने के लिये Binary Digit (1 और 0) का उपयोग किया गया।
·
मैकेनिकल उपकरणों
(Switches और Wheels)
के बजाए इलेक्ट्रॉनिक्स का उपयोग
करके कैलकुलेशन की गयी।
·
वॉन न्यूमैन
आर्किटेक्चर (Von Neumann Architecture) के सिद्धांत का
उपयोग किया गया जिसमे मेमोरी और गणना अलग-अलग थे।
ENIAC (Electronic Numerical Integrator and Calculator) जिसे 1973 से पहले दुनिया का पहला
इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर माना जाता था, परन्तु बाद में U.S District Court ने अपने फैसले में ENIAC patent को अमान्य ठहरा दिया। हालांकि इसे दुनिया के पहले सामान्य उद्देशीय
इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर (First General Purpose-Electronic Computer) की उपाधि मिली हुई है।
सन 1945 में जे. प्रेसपेर एकर्ट (J. Presper Eckert) और जॉन मौचली (John Mauchly) द्वारा ENIAC को विकसित किया गया था। इसका उपयोग
प्रथम बार U.S Army द्वारा जटिल
गणनाएं करने के लिए किया गया। इसमें हजारों इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट का उपयोग
किया गया था जिसमे: vacuum tubes, resistors, capacitors और relays शामिल है।
इसी वजह से एनियक का आकार बहुत बड़ा
था। इसे रखने के लिये एक पूरे कमरे की आवश्यकता होती थी। चूंकि ये 5000 गणनाएं प्रति सेकंड कर सकता था इसलिए इसे उस समय के सबसे तेज Computer
की उपाधि मिली। हालांकि आज के
आधुनिक कम्प्यूटरों की तुलना में ये कुछ भी नही है। इसी युग मे कई और महत्वपूर्ण
इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर विकसित किये गए जिन्होंने कम्प्यूटरों के इतिहास में
महत्वपूर्ण योगदान दिया जिसमें:
·
UNIAC (Universal
Automatic Computer) जिसे जे. प्रेसपेर एकर्ट (J.
Presper Eckert) और जॉन मौचली (John
Mauchly) द्वारा 1949 में बनाया गया था और ये पहला व्यासायिक कंप्यूटर (First
Commercial Computer) था।
·
EDVAC (Electronic
Discrete Variable Automatic Computer) एक इलेक्ट्रॉनिक
कंप्यूटर था जिसे मौचली और एकर्ट ने वॉन न्यूमैन (Von Neumann) की सहायता से सन 1952 में विकसित किया
था। इसे भी दुनिया के शुरुआती प्रोग्राममेबल कंप्यूटर में गिना जाता है।
·
EDSAC (Electronic
Delay Storage Automatic Calculator) को एक ब्रिटिश
कंप्यूटर वैज्ञानिक सर मौरिस विल्किस (Maurice Wilkes) और उनकी टीम ने यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज में विकसित किया था। यह
दुनिया का पहला व्यवहारिक सामान्य उद्देशीय संग्रहित-प्रोग्राम इलेक्ट्रॉनिक
कंप्यूटर (Practical general purpose stored-program electronic computer) था।
·
हालांकि आधुनिक
कंप्यूटर की कल्पना बहुत पहले ही एलन ट्यूरिंग (Alan Turing) द्वारा की जा चुकी थी। उन्होंने एक ‘Universal Turing Machine’
के अपने आईडिया को प्रस्तुत करते
हुए ये साबित किया कि ऐसी मशीन किसी भी चीज की गणना करने में सक्षम है, जिसकी गणना की जा सकती है। उन्ही की इस सोच के आधार पर Computer
के निरन्तर विकास में काफी सहायता
मिली।
·
लेकिन आज Computer
को हम जिस रूप में देखते है उसकी
शुरुआत 1950 से हुई जब विलियम शॉकले (William
Shockley), जॉन बारडीन (John
Bardeen), और वाल्टर बराटीन (Walter
Brattain) ने बेल लैब में “Transistor”
का अविष्कार किया। इससे पहले Computers
में vacuum tubes का उपयोग किया जाता था। चूंकि transistors आकार में छोटे और बिजली की खपत कम करते है। इसलिए जब इन्हें vacuum
tube की जगह इस्तेमाल किया गया तो Computers
पहले की तुलना में छोटे, तेज और अधिक कुशल हो गए।
·
इसी दौरान सन 1953 में दुनिया की पहली कंप्यूटर भाषा – कोबोल (First Computer Language -Cobol) को ग्रेस हॉपर (Grace Hopper) द्वारा विकसित किया गया। हालांकि इसके कुछ ही सालों बाद 1956 में एक और प्रोग्रामिंग भाषा फोरट्रान (Fortran)
को भी लांच किया गया। आधुनिक
कंप्यूटर के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब 1959 में ‘Integrated Circuit या IC chip‘
का अविष्कार हुआ। इसे जैक किलबी (Jack
Kilby) और रोबर्ट नॉएस (Robert
Noyce) द्वारा बनाया गया था।
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इसकी खासियत ये
थी कि इस एक चिप में कुई सारे इलेक्ट्रॉनिक घटकों जैसे, ट्रांजिस्टर, रजिस्टर और
कैपिसिटर को आपस मे जोड़ दिया गया। जिस कारण Computer पहले के मुकाबले आकार में काफी छोटे और अधिक शक्तिशाली हो गए। Integrated
Circuit के विकसित होने से ही PC,
Laptop और Mobile Phones जैसे कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के बनने का रास्ता साफ हो सका।
·
इसके कई सालों
बाद लगभग 1980 में MS-Dos (Microsoft Disk
Operating System) जिसे उप्पर चित्र में दर्शाया गया
है, को विकसित किया गया। जिसे IBM के पहले Personal Computer (IBM Model 5150) के साथ उपयोग किया गया था। इस समय तक Computers
काफी आधुनिक हो चुके थे और अब वे
गणनाएं करने के अलावा भी कई तरह के कार्य करने में सक्षम थे।
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आगे भी Computer
तकनीक में कई सारे बदलाव हुए जिसके
फलस्वरूप आज ये इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस इतनी उपयोगी बन पायी। इसकी उपयोगिता का अंदाजा
आप इस बात से लगा सकते है, कि आज लगभग हर क्षेत्र में कंप्यूटर
का उपयोग विभिन्न कार्यो के लिए किया जाता है।
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कंप्यूटर का इतिहास
संक्षेप में
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कंप्यूटर का
इतिहास (History of Computer in Hindi) एक कैलक्युलेटिंग डिवाइस को विकसित करने की सोच से शुरू होता है।
हमने आपको गणना मशीन से आधुनिक कंप्यूटर के बनने तक का इतिहास उप्पर बताया। उम्मीद
है, इस पोस्ट के माध्यम से आप विषय को
बेहतर तरिके से समझ पाए होंगे। अगर आपके पास कंप्यूटर इतिहास से सम्बंधित कोई सवाल
या सुझाव हो तो कृपिया कमेंट में हमे जरूर बताये। कंप्यूटर फंडामेंटल्स से
सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए निचे दिए पोस्ट पढ़े।
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अंत में पोस्ट
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