WWW क्या है (What is WWW in Hindi)
WWW क्या है (What is WWW in Hindi) - WWW (वर्ल्ड वाईड वेब) डाक्यूमेंट्स का समूह होता है जो आपस में एक दूसरे से hypertext से जुड़े हुए होते है. Hypertext document में टेक्स्ट, इमेज, ध्वनि आदि का समावेश होता है WWW internet की एक सेवा है | WWW का प्रयोग सबसे पहले TIM BERNERS LEE ने 1989 में CERN प्रयोगशाला में किया |
Table of Contents
1. WWW Kya hai? What is WWW in Hindi
2. वर्ल्ड वाइड वेब की विशेषताएं (Features of World Wide Web)
3. वर्ल्ड वाइड वेब की कार्यप्रणाली (Functions of World Wide Web)
3.1. URL किसी भी फाइल का एड्रेस होता है, जिसके तीन भाग होते है
4. वर्ल्ड वाइड वेब का इतिहास History of World Wide Web
5. आपने सीखा - WWW क्या है हिंदी में
वर्ल्ड वाईड वेब मे सूचनाओ को वेबसाईट के रूप में रखा जाता है। ये वेबसाइटे वेब सर्वर पर हाईपरटैक्स्ट फाइलो के रूप संग्रहित होती है। वर्ल्ड वाईड वेब एक प्रणाली है, जिसके द्वारा प्रत्येक वेबसाइट को एक विशेष नाम दिया जाता है। उसी नाम से उसे वेब पर पहचाना जाता है।
WWW Kya hai? What is WWW in Hindi
WWW का Full Form वर्ल्ड वाइड वेब (World Wide Web) है। इन्टरनेट और वर्ल्ड
वाइड वेब का आपस में गहरा सबंध है जो दोनों एक दुसरे पर निर्भर हैं। वर्ल्ड वाइड
वेब जानकारियों का भण्डार होता है जो लिंक्स के रूप में होता है दरअसल यह एक ऐसी
तकनीक है जिसके कारण संसारभर के कंप्यूटर एक दुसरे से जुड़े हुए हैं। वर्ल्ड वाइड
वेब HTML, HTTP, वेब सर्वर और वेब ब्राउज़र पर काम करता है।
किसी वेबसाइट के नाम को उसका URL (Uniform Resource Locator) भी कहा जाता है। जब हम किसी वेबसाइट को खोलना चाहते है, ब्राउजर प्रोग्राम के पते वाले बॉक्स या एड्रेस बार मे उसका नाम या URL भर देता है। इस नाम की सहायता से ब्राउजर प्रोग्राम उस सर्वर तक पहुचता है जहाँ वह फाइल या वेबसाइट स्टोर की गयी है और उससे एक वेबपेज प्राप्त करने के बाद हमारे कम्प्यूटर पर ला देता है।
उस सूचना को ब्राउजर प्रोग्राम मॉनीटर की स्क्रीन पर प्रदर्शित कर देता है। उस वेबसाइट पर कई हाइपरलिंक भी हो सकते है। प्रत्येक हाइपरलिंक किसी अन्य वेबपेज या वेबसाइट का URL बताता है। उस लिंक को क्लिक करने पर ब्राउजर उसी वेबपेज या वेबसाइट तक पहुचकर उसे उपयोगकर्ता को उपलब्ध करा देता है। इस प्रकार उपयोगकर्ता किसी वेबसाइट को देख सकता है, जिसका URL या Name उसे पता हो।
वर्ल्ड वाइड वेब की विशेषताएं (Features of World Wide Web)
1. HyperText Information System
2. Cross-Platform
3. Distributed
4. Open Standards and Open Source
5. Web Browser: provides a single interface to many services
6. Dynamic, Interactive, Evolving
7. Graphical Interface
Hypertext Information System - वेब पेज के document
में विभिन्न घटक होते है
जैसे टेक्स्ट, graphics, object, sound यह सभी घटक आपस में एक दूसरे से जुड़े होते है | इन घटकों को आपस में
जोड़ने के लिए hypertext का उपयोग किया जाता है ।
Distributed - www में वेबसाइट एक दूसरे से जुड़े होते है | सभी वेबसाइट में अलग अलग इन्फोर्मेशन होती है बहुत सी वेबसाइट ऐसी होती है जो दूसरे वेबसाइट से जुडी होती है। यूजर एक वेबसाइट खोलकर उससे दूसरे वेबसाइट से जुड सकता है इस कार्यप्रणाली को Distributed System कहा जाता है |
Cross Platform - cross platform का अर्थ होता है की वेब पेज या वेब साईट किसी भी कंप्यूटर hardware या operating System पर कार्य कर सकता है।
Graphical Interface वर्तमान में सभी वेबसाइट में टेक्स्ट के अलावा विडियो, ध्वनि आदि का समावेश रहता है | Hyperlink सुविधा से इन्फोर्मेशन को आसानी से देख सकते है या वेब पेज से जोड़ सकते है | dynamic website में मेनू, कमांड, बटन आदि का यूज किया जाता है, इससे कार्य करने में आसानी जाती है |
वर्ल्ड वाइड वेब की कार्यप्रणाली (Functions of World Wide Web)
• HTML (Hypertext markup language) एक language है | HTML hypertext link प्रदान करता है, जो किसी यूजर को वेबसाइट से जुड़े हुए वेब पेज को एक्सेस करने में मदद करता है ।
• www, client server model पर Based होता है, जिसमे क्लाइंट साईट पर remote machine पर क्लाइंट साफ्टवेयर (वेब ब्राउसर) कार्य करता है। सर्वर साईट पर सर्वर सॉफ्टवेयर कार्य करता है ।
• client के द्वारा वेब ब्राउज़र के एड्रेस बार में URL एड्रेस टाइप किया जाता है ।
URL किसी भी फाइल का एड्रेस होता है, जिसके तीन भाग होते है
1. Protocol
2. Domain name
3. Path
वेब browser में दिए हुए एड्रेस के आधार पर वेब browser दिए गए url के सर्वर से संपर्क करता है तथा उसे url के अनुसार साईट प्रदान करने का आग्रह करता है.
सर्वर के द्वारा URL को IP address में परिवर्तित कर दिया जाता है, इससे client कंप्यूटर एक निश्चित सर्वर से जुड जाता है.
जब एक बार साईट प्रदर्शित होती है, तो उसमे सामान्य टेक्स्ट के अतिरिक्त के हायपर टेक्स्ट भी होते है जिस को इंगित करने पर उससे
सम्बंधित URL प्रदर्शित होता है, जब यूजर उस लिंक को क्लिक करता है तब फिर वेब browser
उस url पर उपस्थित पेज को
प्रदर्शित करने का आग्रह सर्वर से करता है तथा सर्वर उस पेज को प्रदर्शित करता है
जो browser उसे यूजर के लिए
प्रदर्शित करता है.
वर्ल्ड वाइड वेब का इतिहास - History of World Wide Web
वर्ल्ड वाइड वेब के अविष्कार से पहले इन्टरनेट का प्रयोग बहुत ही कठिन था। इस पर उपलब्ध सूचनाओं को खोजना तथा इसको प्रयोग में लाना और कठिन था। इन्टरनेट पर उपलब्ध फाइलों को ढूँढ़ना तथा उसे डाउनलोड करने के लिए यूनिक्स स्किल्स (skills) तथा विशिष्ट टूल्स की आवश्यकता पड़ती थी।
टीम बर्नर्स ली (Tim Berners Lee) को वर्ल्ड वाइड वेब का जनक (Father Of World Wide Web) कहा जाता हैं, बर्नर्स यूरोपियन आरगेनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च (European Organization For Nuclear Research), स्वीटजरलैन्ड में कार्य कर रहे थे। वह इन्टरनेट का प्रयोग करने की जटिल विधि से बिल्कुल निराश हो चुके थे तथा हमेशा उन्हें आसानी से प्रयोग किये जाने वाले इन्टरफेस प्रोग्राम की आवश्यकता का एहसास होता था ताकि इन्टरनेट पर उपलब्ध सूचना को आसानी से एकत्र किया जा सके।
सर्न (CERN) में उनके कार्य के लिए हमेशा इन्टरनेट की आवश्यकता पड़ती थी। इन्टरनेट का उपयोग वह शोध, तथा अपने शोधकर्ता मित्रों के साथ सम्पर्क करने में करते थे। उन्हें इन्टरनेट के उपयोग किये जाने में आने वाली कठिनाइयों ने इस बात के लिए उनके अंदर ऐसे प्रणाली का विकास करने पर प्रेरित किया जो उनके काम को आसान बना सके।