Concept Of Search Engine:---
सर्च इंजन का कॉन्सेप्ट: सर्च इंजन एक सॉफ्टवेयर सिस्टम है जिसे
इंटरनेट पर जानकारी खोजने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह कीवर्ड या वाक्यांशों के
रूप में दर्ज किए गए प्रश्नों को process करके उपयोगकर्ताओं को
relevant web pages, images, videos, and
other content खोजने
में मदद करता है। सरल शब्दों में, सर्च इंजन एक ऐसा टूल
है जो इंटरनेट पर जानकारी ढूंढने में हमारी मदद करता है।
इसे ऐसे समझिए:
- जानकारी का भंडार: इंटरनेट एक बहुत
बड़ी लाइब्रेरी की तरह है, जिसमें अनगिनत
किताबें (वेबसाइटें) हैं।
- खोजने वाला: सर्च इंजन एक
लाइब्रेरियन की तरह है, जो हमें उन
किताबों को खोजने में मदद करता है जिनकी हमें जरूरत है।
उदाहरण के लिए, जब आप
गूगल पर "हिंदी कविता" खोजते हैं,
तो गूगल अपने इंडेक्स में से हिंदी कविताओं
वाली वेबसाइटों को ढूंढेगा, और उन्हें आपकी खोज के अनुसार क्रमबद्ध करके
दिखाएगा।
कैसे काम करता है?
1.Information
Retrieval:
एक सर्च इंजन सूचना प्राप्त के लिए एक तकनीक है। इसे user
को उनके द्वारा खोजी जा रही जानकारी को
खोजने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें उपयोगकर्ता की क्वेरी (एक
प्रश्न या कीवर्ड) लेना और प्रासंगिक परिणामों की एक सूची वापस करना शामिल है।
2. Crawling :- सटीक परिणाम प्रदान करने के लिए, सर्च इंजन "क्रॉलर" या
"स्पाइडर" को उपयोग करते हैं जो व्यवस्थित रूप से इंटरनेट का पता लगाते
हैं, लिंक का अनुसरण करते हैं और वेबसाइटों से डेटा एकत्र करते हैं।अर्थात
सर्च इंजन के बॉट (वेब क्रॉलर) इंटरनेट पर
विभिन्न वेबसाइटों को स्कैन करके डेटा इकट्ठा करते हैं।
3.Indexing:- फिर इस
डेटा को एक विशाल डेटाबेस में व्यवस्थित और संग्रहीत किया जाता है जिसे
"इंडेक्स" कहा जाता है। यह इंडेक्स सर्च इंजन को उपयोगकर्ता द्वारा
क्वेरी सबमिट करने पर प्रासंगिक जानकारी को जल्दी से देखने की अनुमति देता है।जहां इसे keywords,
relevance, and other factors, के
आधार पर व्यवस्थित किया जाता है।
4. Algorithms and Ranking: सर्च इंजन वेब पेजों की प्रासंगिकता और
गुणवत्ता निर्धारित करने के लिए जटिल एल्गोरिदम का उपयोग करते हैं। ये एल्गोरिदम
विभिन्न कारकों का विश्लेषण करते हैं, जैसे:
These algorithms analyze various
factors, such as:
The presence of keywords in the
content.
The number and quality of links
pointing to a page.
User behavior and search history.
इन कारकों के आधार पर, खोज इंजन परिणामों को रैंक करता है, सूची के शीर्ष पर सबसे अधिक प्रासंगिक और आधिकारिक पृष्ठ
प्रस्तुत करता है।
5. User Intent: आधुनिक
search engines अपने search query के पीछे उपयोगकर्ता के इरादे को समझने का प्रयास करते हैं।
इसमें analyzing
the context of the query, क्वेरी के संदर्भ का विश्लेषण करना
शामिल है, जैसे उपयोगकर्ता का
स्थान।
उनका पिछला खोज इतिहास।
क्वेरी में उपयोग किए गए शब्दों का अर्थ।
उपयोगकर्ता के इरादे को समझकर, खोज इंजन अधिक accurate
and personalized results प्रदान कर सकते हैं।
· Ranking – When a a, the search engine
ranks results using algorithms that consider factors like keyword
जब कोई user कोई search query enters करता है, तो सर्च इंजन एल्गोरिदम का
उपयोग करके परिणामों relevance,
page quality, and user engagement के आधार पर को रैंक करता है
· Displaying Results –परिणाम प्रदर्शित करना
- search
engine रैंक किए गए results की एक सूची प्रस्तुत
करता है, जिसमें अक्सर लिंक images या news जैसी अतिरिक्त जानकारी होती हैं।
खोज इंजन उपयोगकर्ताओं और ऑनलाइन उपलब्ध
विशाल मात्रा में जानकारी के बीच एक सेतु का काम करते हैं।
वे इंटरनेट को व्यवस्थित करते हैं, और इसे खोज योग्य बनाते हैं।
वे उपयोगकर्ता को सबसे अधिक प्रासंगिक
जानकारी देने के लिए जटिल एल्गोरिदम का उपयोग करते हैं।
Popular Search
Engines
- Google (Most widely used)
- Bing (Microsoft's search engine)
- Yahoo! (Uses Bing’s technology)
- DuckDuckGo (Focuses on privacy)
- Baidu (Popular in China)
किसी पेज को डिस्कवर करना वेब क्रवलिंग
कहलाता है
Crawling क्या है?
Crawling सर्च इंजन का एक
प्रोसेस है जिसमें स्वचालित बॉट (वेब क्रॉलर या स्पाइडर) इंटरनेट पर उपलब्ध
वेबपेजों को खोजते और डेटा इकट्ठा करते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान, सर्च इंजन नई
वेबसाइटों,
अपडेटेड
कंटेंट और डिलीट की गई वेबसाइटों की जानकारी प्राप्त करता है।
Crawling कैसे काम करता है?
- वेब क्रॉलर वेबसाइटों का दौरा करते हैं – सर्च इंजन बॉट
(जैसे Googlebot) वेबपेजों को स्कैन करते हैं और उनकी
जानकारी स्टोर करते हैं।
- लिंक को फॉलो करना – क्रॉलर एक पेज से
दूसरे पेज पर जाने के लिए हाइपरलिंक (Hyperlinks) का उपयोग करते
हैं।
- डेटा एकत्र करना – सर्च इंजन वेबपेज
के टेक्स्ट, इमेज, वीडियोज़ और अन्य सामग्री को स्कैन करता है।
- इंडेक्सिंग के लिए डेटा भेजना – क्रॉल किए गए
डेटा को सर्च इंजन के डेटाबेस (इंडेक्स) में स्टोर किया जाता है।
क्रॉलिंग क्यों
महत्वपूर्ण है?
- नए वेबपेजों को सर्च इंजन में लाने के लिए
- वेबसाइट के अपडेटेड कंटेंट को पहचानने के लिए
- सर्च रिजल्ट को बेहतर और अधिक सटीक बनाने के लिए
वेब क्रॉलिंग से जुड़ी
चुनौतियाँ
- रॉबोट्स.txt फ़ाइल – वेबसाइट मालिक यह
तय कर सकते हैं कि कौन-सा कंटेंट क्रॉल हो सकता है और कौन-सा नहीं।
- डुप्लिकेट कंटेंट – कई वेबसाइटें
समान कंटेंट प्रकाशित करती हैं, जिससे सर्च इंजन
को सही पेज चुनने में कठिनाई हो सकती है।
- लोड टाइम और सर्वर रेस्पॉन्स – धीमे सर्वर या
तकनीकी समस्याओं की वजह से क्रॉलर वेबसाइट को ठीक से एक्सेस नहीं कर पाते।
प्रसिद्ध वेब क्रॉलर
उदाहरण
- Googlebot (Google का क्रॉलर)
- Bingbot (Microsoft Bing का क्रॉलर)
- Baidu Spider (Baidu सर्च इंजन का
क्रॉलर)
- Yandex Bot (Yandex सर्च इंजन का
क्रॉलर)
क्रॉलिंग सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन (SEO) के लिए बहुत
महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि आपकी वेबसाइट सर्च इंजन द्वारा सही
से इंडेक्स की जा रही है।
मुख्य प्रकार के सर्च इंजन
सर्च
इंजन को उनके कार्य करने के तरीके और डेटा सोर्स के आधार पर कई प्रकारों में
वर्गीकृत किया जाता है।
1. क्रॉलर-बेस्ड सर्च
इंजन (Crawler-Based
Search Engine)
ये
सर्च इंजन वेब क्रॉलर (बॉट्स/स्पाइडर्स) का उपयोग करके वेबपेजों को स्वतः स्कैन
करते हैं,
डेटा
एकत्र करते हैं और उसे इंडेक्स में स्टोर करते हैं। जब उपयोगकर्ता कोई क्वेरी
डालता है,
तो
एल्गोरिदम के आधार पर परिणाम दिखाए जाते हैं।
🔹
उदाहरण:
- Google
- Bing
- Yahoo! (Bing से डेटा लेता है)
- Baidu
2. डायरेक्टरी-बेस्ड सर्च
इंजन (Directory-Based
Search Engine)
इन
सर्च इंजनों में डेटा ऑटोमेटिक क्रॉलिंग से नहीं बल्कि मैन्युअली वेबसाइट सबमिट
करके जोड़ा जाता है। इनका उपयोग अक्सर विशेष विषयों पर रिसर्च के लिए किया जाता
है।
🔹
उदाहरण:
- DMOZ (अब बंद हो चुका
है, लेकिन इसका डेटा कई सर्च इंजनों द्वारा उपयोग किया गया
था)
- Yahoo! Directory
(बंद हो गया)
3. हाइब्रिड सर्च इंजन (Hybrid Search Engine)
ये
सर्च इंजन क्रॉलर और डायरेक्टरी दोनों तकनीकों का उपयोग करते हैं। वेबपेजों को
स्वतः क्रॉल करने के साथ-साथ वेबमास्टर द्वारा मैन्युअल रूप से सबमिट किए गए डेटा
को भी प्रोसेस करते हैं।
🔹
उदाहरण:
- Google (क्रॉलर आधारित +
यूजर-जनरेटेड डेटा)
- Bing (क्रॉलर + मैन्युअल
डेटा एंट्री)
4. मेटा सर्च इंजन (Meta Search Engine)
ये
सर्च इंजन स्वयं कोई डेटा स्टोर नहीं करते, बल्कि अन्य सर्च
इंजनों से रिजल्ट इकट्ठा करके उपयोगकर्ता को दिखाते हैं। यह मल्टीपल सर्च इंजन के
डेटा को मिलाकर बेहतर रिजल्ट प्रदान करता है।
🔹
उदाहरण:
- DuckDuckGo (गोपनीयता पर
केंद्रित, कई सर्च इंजनों से डेटा लेता है)
- Dogpile
- Startpage
5. स्पेशलाइज्ड सर्च इंजन
(Specialized
Search Engine)
ये
किसी विशेष क्षेत्र या इंडस्ट्री पर केंद्रित होते हैं, जैसे कि विज्ञान, स्वास्थ्य, कानूनी दस्तावेज़, शोध-पत्र आदि।
🔹
उदाहरण:
- Google Scholar (शोध-पत्र और
अकादमिक लेखों के लिए)
- PubMed (चिकित्सा
अनुसंधान के लिए)
- Wolfram Alpha (गणितीय और
सांख्यिकीय प्रश्नों के लिए)
- Shodan (इंटरनेट से जुड़े
उपकरणों की खोज के लिए)
6. प्राइवेसी-फोकस्ड सर्च
इंजन (Privacy-Focused
Search Engine)
ये
सर्च इंजन उपयोगकर्ताओं की सर्च हिस्ट्री को ट्रैक नहीं करते और विज्ञापन के लिए
डेटा एकत्र नहीं करते।
🔹
उदाहरण:
- DuckDuckGo
- Startpage
- Qwant
निष्कर्ष
सर्च
इंजन विभिन्न उद्देश्यों के लिए बनाए गए हैं, और प्रत्येक की अपनी
विशेषताएँ होती हैं। यदि आपको व्यापक जानकारी चाहिए तो Google या Bing का उपयोग करें, गोपनीयता की चिंता है
तो
DuckDuckGo बेहतर है, और वैज्ञानिक खोज के
लिए
Google
Scholar
या
PubMed उपयुक्त हैं।
वेब सर्चिंग और वेब सर्वर का अंतर
1.
वेब
सर्चिंग (Searching
the Web)
वेब
सर्चिंग का मतलब इंटरनेट पर किसी भी जानकारी को खोजने की प्रक्रिया से है। इसके
लिए हम
सर्च
इंजन
(Google, Bing, Yahoo आदि) का उपयोग करते हैं, जो वेबसाइटों से डेटा
लेकर उसे इंडेक्स करते हैं और फिर हमारी क्वेरी के अनुसार हमें परिणाम दिखाते हैं।
🔹
वेब
सर्चिंग के चरण:
- सर्च क्वेरी दर्ज
करना – उपयोगकर्ता सर्च इंजन में कोई शब्द या वाक्य लिखता है।
- सर्च इंजन डेटा
प्रोसेस करता है – सर्च इंजन इंडेक्स में स्टोर की गई वेबसाइटों को स्कैन करता है।
- रैंकिंग और
रिजल्ट दिखाना – उपयोगकर्ता को सबसे उपयुक्त वेबपेज दिखाए जाते हैं।
🔹
सर्च
इंजन कौन-सी तकनीकें इस्तेमाल करता है?
- क्रॉलिंग – सर्च इंजन
वेबपेजों को स्कैन करता है।
- इंडेक्सिंग – वेबसाइटों की
जानकारी को स्टोर करता है।
- एल्गोरिदम – उपयोगकर्ता की
क्वेरी के आधार पर सबसे प्रासंगिक परिणाम दिखाता है।
🔹
लोकप्रिय
सर्च इंजन:
- Google
- Bing
- Yahoo
- DuckDuckGo
2.
वेब
सर्वर (Web
Server)
वेब
सर्वर एक कंप्यूटर प्रोग्राम (या हार्डवेयर) है, जो वेबसाइटों की
फ़ाइलों (HTML,
CSS, इमेज, वीडियो) को स्टोर करता
है और इंटरनेट पर उपयोगकर्ताओं के अनुरोधों पर उन्हें वितरित करता है।
🔹
वेब
सर्वर कैसे काम करता है?
- यूजर अनुरोध
भेजता है – जब कोई उपयोगकर्ता वेब ब्राउज़र में URL दर्ज करता है, तो एक अनुरोध वेब
सर्वर को भेजा जाता है।
- वेब सर्वर अनुरोध
को प्रोसेस करता है – सर्वर उस
अनुरोधित फ़ाइल को खोजता है और ब्राउज़र को भेजता है।
- वेब ब्राउज़र
वेबसाइट को दिखाता है – यूजर के डिवाइस
पर वेबसाइट का कंटेंट लोड होता है।
🔹
वेब
सर्वर के प्रकार:
- Apache HTTP
Server – सबसे लोकप्रिय ओपन-सोर्स वेब सर्वर।
- NGINX – उच्च प्रदर्शन
वाला वेब सर्वर, ट्रैफिक को मैनेज करने में सक्षम।
- Microsoft IIS
(Internet Information Services) – Windows आधारित वेब
सर्वर।
- LiteSpeed – तेज़ और सुरक्षित
वेब सर्वर।
वेब सर्चिंग और वेब सर्वर में अंतर
विशेषता |
वेब सर्चिंग |
वेब सर्वर |
परिभाषा |
इंटरनेट
पर जानकारी खोजने की प्रक्रिया। |
वेबपेज
को स्टोर और वितरित करने वाला सर्वर। |
उदाहरण |
Google, Bing, Yahoo |
Apache, NGINX, IIS |
कार्यप्रणाली |
सर्च
इंजन इंडेक्स से डेटा खोजता है और उपयोगकर्ता को दिखाता है। |
ब्राउज़र
से अनुरोध आने पर वेबपेज लोड करता है। |
मुख्य
कार्य |
उपयोगकर्ता
को खोज परिणाम देना। |
वेबसाइट
को ऑनलाइन उपलब्ध कराना। |
निष्कर्ष:
- वेब सर्चिंग उपयोगकर्ताओं को वेबसाइटों को खोजने में मदद करती है।
- वेब सर्वर वेबसाइटों को होस्ट करता है और उन्हें उपयोगकर्ताओं तक पहुँचाता है।
दोनों एक-दूसरे से जुड़े हैं, लेकिन उनके कार्य अलग-अलग होते हैं।
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