.OnlineGuruji

.OnlineGuruji

Provides E-Notes,Video Tutorials And Download Links For Students In hindi

*********************************************************

*********************************************************
********************************************************************************

Breaking

Ramchandicollege Saraipali

Technology Jobs

OnlineGuru Blog मे आपका स्वागत है ब्लॉग से संबन्धित जानकारी के लिए संपर्क करें मो ॰ नम ।-9826026747(सपन कुमार दास) अपने विषय से संबन्धित अपडेट प्राप्त करने के लिए ब्लॉग पे दिये गए Bell Icon को press करें कम्प्युटर,Science,English Grammer से संबन्धित विषय की अधिक जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग अथवा यू ट्यूब चैनल को सब्क्राइब करे ..

Thursday, April 18, 2024

April 18, 2024

what is E-Commerce in hindi (ई-कॉमर्स क्या है?)

 

what is E-Commerce in hindi (ई-कॉमर्स क्या है?)

e-commerce  दो शब्दो से मिलकर बना है तथा commerce. Ecommerce का पूरा नाम electronic commerce है.  e  का अर्थ होता है इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क अर्थात इंटरनेट तथा commerce का अर्थ होता है सामान / वस्तुओ या सेवाओं को खरीदना तथा बेचनाइस प्रकार e-commerce का अर्थ होता है की इंटरनेट के माध्यम से  वस्तुओ और सेवाओं को खरीदना तथा बेचना|

आज market मे e-commerce  की बहुत बड़ी बड़ी कम्पनियाँ है | जैसे की :- OLX , amazon  , flipkart, ebay, paytm आदि . जो की इंटरनेट के माध्यम से व्यापार करने की सुविधा प्रदान करते है |

हम ज्यादातर सामान तथा सेवाओं को बेचने तथा खरीदने के लिए e-payments का प्रयोग करते है जैसे:- credit card, debit card, internet banking, e-wallet आदि.

Types of E-Commerce in hindi (ई-कॉमर्स के प्रकार)

e-commerce के 6 निम्नलिखित प्रकार है:-

1.      B2B (business to business)

2.      B2C (business to consumer)

3.      C2B (consumer to business)

4.      C2C (consumer to consumer)

5.      B2A (business to administration)

6.      C2A (consumer to administration)


B2B (business to business) 

इस  प्रकार के e-commerce में seller तथा buyer दोनों business organization होते हैअर्थात एक बिज़नस आर्गेनाइजेशन अपने प्रोडक्ट को दूसरे बिज़नस आर्गेनाइजेशन  को बेचती है|

उदाहरण के लिए एक manufacturer अपना सामान wholesaler को बेचता है तथा wholesaler उस सामान को retailer को बेचता है. यहाँ पर manufacturer, wholesaler तथा retailer तीनों के अपने business है.


उपर दिया गया चित्र एक B2B मॉडल है. इसमें तीन business है:- manufacturer, wholesaler तथा retailer. manufacturer के पास अपनी वेबसाइट है जहाँ से wholesaler, manufacturer से सामान खरीदता है.

जब wholesaler सामान का order वेबसाइट के माध्यम से देता है तो manufacturer को वेबसाइट के द्वारा order का पता चल जाता है और वह उस सामान को wholesaler को भेज देता है. सामान मिल जाने के बाद wholesaler इस सामान को retailer को बेच सकता है इस प्रकार के बिज़नस को B2B मॉडल कहते है.

 B2C (business to consumer)

इस प्रकार के e-commerce मे आर्गेनाइजेशन या कंपनी सीधे consumer को अपना प्रोडक्ट ऑनलाइन बेचता है ये सबसे ज्यादा उपयोग होने  वाला  – कॉमर्स है





इसमें कस्टमर प्रोडक्ट को ऑनलाइन वेबसाइट में देख सकता है तथा उसे order कर सकता है. कंपनी को order की जानकारी मिल जाने के बाद कंपनी प्रोडक्ट को सीधे कस्टमर को भेज देती है.

उदहारण:- amazon, flipkart, myntra आदि. इनका प्रयोग हम आजकल daily life में करते है.

 C2B (consumer to business)

consumer to business ई-कॉमर्स एक ऐसा e-commerce है जिसमें consumer जो है वह business organisation को प्रोडक्ट या सर्विस प्रदान करते है. यह B2C model का एकदम उल्टा model है.



C2B में, कस्टमर अपने प्रोडक्ट या सर्विस को कम्पनी को बेचता है. उदाहरण के लिए अगर आप graphic designer है तो आप अपने ग्राफ़िक्स को डिजाईन करके कंपनियों को बेच सकते है.

आप अपने ग्राफ़िक्स को fiverr तथा freelancer websites के द्वारा बेच सकते है. अगर कंपनी को आपके ग्राफ़िक पसंद आये तो वह आपसे direct ही ग्राफ़िक खरीद सकते है.

C2C (consumer to consumer)

इस  प्रकार के e-commerce में seller तथा buyer दोनों consumer होते है| अर्थात एक consumer अपने प्रोडक्ट को दूसरे consumer को वेबसाइट के माध्यम से बेचते है|

अर्थात् अगर आपके पास कोई प्रोडक्ट है जैसे:- car, लैपटॉप, बाइक या अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि तो आप इस सामान को दूसरे consumers को वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन बेच सकते है.
उदहारण :- OLX, Quicker आदि इसके उदाहरण है|



यहाँ उपर दिए गये चित्र में consumer1 तथा consumer2 है. इसमें consumer1 अपने सामान को बेचना चाहता है. अपने प्रोडक्ट की details वह OLX वेबसाइट में publish करता है. और consumer2 उस प्रोडक्ट की details को वेबसाइट में देखता है अगर वह प्रोडक्ट वह खरीदना चाहता है तो वह consumer1 से सीधे contact कर सकता है. और इस तरह वह प्रोडक्ट बिक जायेगा.

B2A (business to administration)

business to administration ई-कॉमर्स को business to governement (B2G) ई-कॉमर्स भी कहते है.



B2A में, business organisation तथा government agency वेबसाइट के द्वारा सूचना का आदान प्रदान करते है.

C2A (consumer to administration)

C2A (consumer to administration) ई-कॉमर्स को consumer to government ई-कॉमर्स भी कहते है.



इसमें consumer तथा government agency के मध्य सूचना का आदान प्रदान वेबसाइट के माध्यम से होता है.


advantage of E-commerce in hindi (ई-कॉमर्स के लाभ )

इसके लाभ निम्नलिखित है:-

1.      e-commerce के द्वारा हम अपने व्यापर का लेन देन नेशनल तथा इंटरनेशनल मार्किट तक कर सकते है|

2.      किसी प्रोडक्ट का ख़रीदने से पहले हम उस प्रोडक्ट के बारे मे रिव्यु तथा कमेंट पढ़ के उस प्रोडक्ट की quality के बारे मे जान सकते है जिससे हममे सामान का ख़रीदने मे आसानी होती है|

3.      e-commerce का उपयोग हम 24 * 7 hour  कर सकते है|

4.      e-commerce मे सारा काम आर्गेनाइजेशन तथा कंस्यूमर के बीच होता है इसमें 3rd पार्टी की जरूरत नहीं पड़ती जिसका सीधा  फायदा आर्गेनाइजेशन को होता है|

5.      घर बैठे बैठे हम कोई भी सामान ऑनलाइन खरीद सकते है| हमें बाहर जाकर सामान खरीदने की जरुरत नहीं पड़ती है.

Advantages Of E-Commerce

1- Fast Buying & Selling Procedure:-

इ काॅमर्स का प्रयोग करके व्यापारी अपने प्रोडक्ट को तेजी गति से बेच सकते है और ग्राहक उतने ही तेज गति से प्रोडक्ट या सामान को खरीद सकता है। क्योकि आप सभी जानते है कि इन्टरनेट कितनी फास्ट है अतः व्यापारी और ग्राहक अपने सामानों की खरीदी बिक्री बहुत की तेज गति से कर सकते है।

2- buying/selling 24/7 :-

अगर कोई व्यापारी आॅफलाइन में शाॅप खोलता है तो सप्ताह में केवल 6 दिन ही शाॅप खोलता है और एक दिन में केवल 8 घंटे ही ओपन करता है लेकिन अगर इ काॅमर्स के माध्यम से खोले गए वेबसाइट सप्ताह के सातो दिन और 24 घंटों शाॅप ओपन रहता है इससे व्यापारी की बिक्री काफी अधिक होती है और उसे लाभ भी बहूत अधिक मिलता है।

3- More Reach To Customer :-

आॅफलाइन शाॅप के comparision में e commerce  में खोले गए वेबसाइट या शाॅप की पहुच ज्यादा कस्टमर तक होती है क्योकि अगर आपने आॅफलाइन में शाॅप खोला है तो केवल वहा रहने वाले लोकल लोग ही आपके कस्टमर होंगें लेकिन आपने आॅनलाइन शाॅप खोला है तो पुरे वल्र्ड के लोग आपके कस्टमर बन सकते है जिसके कारण व्यापारी को बहुत अधिक लाभ मिलता है।

4- No Need To Physical Company Setup:-

इ काॅमर्स में बिसनस शुरू करने के लिए आपको शाॅप या दुकान लगाने की जरूरत नहीं होगी केवल आप एक वेबसाईट बनाकर बिजनस शुरू कर सकते है या भी पहले चल रहे इ काॅमर्स website जैसे flipcard या amazon  में अपने ंaccount registerकरके भी बिसनस को शुरू कर सकते है। आॅनलाइन  बिजनस शुरू करने के लिए करने के लिए आपको शाॅप इत्यादि खर्च करने की जरूरत नहीं पडेगी।

5- Easy To Start & Manage Business :-

आॅनलाइन बिजनस को आसानी से शुरू किया जा सकता है और उसे मैनेज भी किया जा सकता है केवल एक व्यक्ति ही इ काॅमर्स  बिजनस को शुरू करके आसानी से मैनेज कर सकता है जबकि आॅफलाइन बिजनस को शुरू करने के लिए शाॅप जरूरत पडती हैं। और शाॅप नहीं है तो किराये पर लेना पडता है साथ ही शाॅप की पुरी तरह सेटअप तैयार करना पडता है इ काॅमर्स में इन चिजों की जरूरत नहीं पडती है।

 disadvantage of E-commerce in hindi ई-कॉमर्स

की हानियाँ 

इसकी हानियाँ निम्नलिखित है:-

1.      कॉमर्स के लिए हाई स्पीड इंटरनेट की जरूरत पड़ती है कभी कभी low speed के कारण इकॉमर्स की वेबसाइट कम नहीं करती|

2.      – कॉमर्स के लिए कंप्यूटर मोबाइल तथा इंटरनेट की जानकारी होनी जरुरी है|

3.      जब हम कोई सामान खरीदते है तो उस सामान का पहुंचने मे 2 -3 या इससे अधिक दिन लग जाते है|

4.      सिक्योरिटी को ध्यान रखनापड़ता हैक्योकि जब हम ऑनलाइन payment करते है तो सिक्योरिटी को होना जरुरी है नहीं तो अकाउंट हैक या फिर हमारी  इनफार्मेशन हैक हो सकती  है|

5.      कॉमर्स की जब कोई नहीं वेबसाइट market मे आती है तो उस वेबसाइट पे भरोसा करना थोड़ा मुश्किल होता है|

components and examples of e-commerce in Hindi

1.      Online – Shopping :- ऑनलाइन शॉपिंग इ – कॉमर्स मार्केट का एक बहुत बड़ा उदहारण है | क्योकि इ– कॉमर्स मार्केट मे ऑनलाइन शॉपिंग का बहुत ज्यादा क्रेज हैऑनलाइन शॉपिंग मे हम घर ऑफिस की छोटी से लेकर बड़ी चीज  को आसानी से खरीद सकते है इसके लिए ऑनलाइन शॉपिंग की बहुत कम्पनी है जैसे की :- myntra , flipkart  etc .

2.      Electronic Payments :- जब हम किसी वस्तु या सामान को ऑनलाइन खरीदते है तो उसके

2.      लिए हम payment internet के द्वारा करते है | जिसे हम इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट्स कहते है | ये पेमेंट हम क्रेडिट तथा डेबिट कार्ड या अन्य तरिके से करते है | इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट करने के अलग अलग तरिके होते है | 1 . Pre -Paid   2 . pay – now  3 . Pay – later 

3.      Net Banking  :- नेट बैंकिंग को इंटरनेट बैंकिंग , ऑनलाइन बैंकिंग  भी  कहते है |  नेट बैंकिंग प्रत्येक बैंक द्वारा दी जाने वाली ऐसी service  है जिसके द्वारा हम घर ऑफिस मे बैठे– बैठे इंटरनेट की सहायता से अपने बैंक अकाउंट को access कर सकते है तथा पासबुक  , एटीएम आदि के लिए अप्लाई मनी  ट्रांसफर  आदि सेवा को आसानी से प्राप्त या पूरा कर सकते है |

4.      Online – Ticket :- इंटरनेट के माध्यम से हम किसी मूवी शो या फिर किसी बड़े प्रोग्रामक्रिकेट मैच आदि के टिकट ऑनलाइन ख़रीद सकते है 



Transition to e -commerce in india 

भारत में आज बड़े स्तर पर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण भारत में मोबाइल और उसके डाटा में हुआ विकास है। दिसंबर 2022 तक भारत में 70 करोड़ से ज्यादा इंटरनेट यूज़र्स हैं, जो कि भारत की आबादी का लगभग आधा हिस्सा हैं। आज भारत ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करने में दुनिया में छठे नंबर पर आता है। जानिये भारत में हुए ई-कॉमर्स के विकास की कहानी

·         1995 में 15 अगस्त के दिन भारत में आम लोगों के लिए इंटरनेट लांच हुआ, जो उस समय एक लक्ज़री का साधन हुआ करता था।·         1999 में भारत में Fabmart.com के नाम पहला ई-कॉमर्स प्लेटफार्म लॉन्च हुआ था, जिसकी स्थापना के. वैथीश्वरन ने की थी, इसीलिए इन्हें भारत में ई-कॉमर्स का जनक कहा जाता है।

         तब तक भारत में ई-कॉमर्स को भी एक लक्ज़री माना जाता था। 2002 में भारत सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए ट्रेन की टिकट रिज़र्वेशन के लिए IRCTC लांच की।

·         उसके बाद भारत में 2007 में फ्लिपकार्ट, 2010 में Zomato और 2013 में जानी मानी ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेज़न लॉन्च हुई।

·         उस समय तक ई-कॉमर्स में पेमेंट करने के लिए नेट बैंकिंग, डेबिट और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया जाता था। तब भारत में पहला ऑनलाइन पेमेंट ऐप Phonepe लॉन्च हुआ और 2020 में भारत सरकार ने भी अपना ऐप BHIM launch किया।

आज भारत में ई-कॉमर्स तेजी से लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। आज शहरी ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन इसके साथ ही लोगों को इससे जुड़ी जानकारियां देनी भी ज़रूरी है, ताकि लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार ना हो सकें।


E-Commerce Opportunities 

ई-कॉमर्स व्यापार जगत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है, जो व्यवसायों को दुनिया भर के ग्राहकों को उत्पाद और सेवाएँ ऑनलाइन बेचने की अनुमति देता है। यहां उद्योगों के लिए कुछ ई-कॉमर्स अवसर दिए गए हैं:

Mobile commerce

ई-कॉमर्स कंपनियां खरीदारों को जोड़े रखने और उन्हें खरीदार में बदलने के लिए मोबाइल शॉपिंग साइट विकसित कर रही हैं।

Artificial intelligence

एआई खुदरा विक्रेताओं को बिक्री बढ़ाने और विकास को गति देने में मदद कर सकता है।

Inventory management

ई-कॉमर्स व्यवसायों को वास्तविक समय में इन्वेंट्री स्तर, ऑर्डर और शिपमेंट को ट्रैक और प्रबंधित करने में सक्षम होना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ग्राहकों को उनके ऑर्डर समय पर प्राप्त हों।

Logistics

माल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना ई-कॉमर्स उद्योग का एक अनिवार्य हिस्सा है

Mobile applications

मोबाइल एप्लिकेशन ई-कॉमर्स उद्योग के लिए एक बेहतरीन गतिशीलता समाधान हैं और खुदरा विक्रेताओं को व्यापक अवसर प्रदान करते हैं।

Subscription

कंपनियों के लिए सदस्यता एक प्राकृतिक विकास पथ है और आवर्ती राजस्व को लॉक करने का एक शानदार तरीका ।

Conversational commerce

व्यवसाय अपने ग्राहकों के लिए प्रतिदिन उपयोग किए जाने वाले चैनलों और ऐप्स पर उनसे मुलाकात करके चीजों को सुविधाजनक और निर्बाध बना रहे हैं।

Curated e-commerce

विंडो शॉपिंग चीजों को स्कैन करके और उन्हें कार्ट में जोड़कर ऑनलाइन की जाती है, जिसके परिणामस्वरूप "अभी चुनें, सभी के साथ साझा करें, बाद में खरीदें" की संस्कृति उत्पन्न हुई है।

Custmer DATA

low investment in business

business promotion

business growth

Commercial Use Of Internet

1-Online Business

2-Cashless Transaction

3-Online education

4-Social Networking

5-Entertainment

Saturday, March 30, 2024

March 30, 2024

Internet Intoduction & History of Internet

 




Internet - The Internet is the global system of interconnected computer networks that use the Internet protocol suite (TCP/IP) to link devices worldwide. It is a network of networks that consists of private, public, academic, business, and government networks of local to global scope, linked by a broad array of electronic, wireless, and optical networking technologies. It is a computing advanced, peer-to-peer (P2P) communication was gradually delivered and enhanced. The Internet carries a vast range of information resources and services, such as the interlinked hypertext documents and applications of the World Wide Web (WWW), electronic mail, telephony, and file sharing

इंटरनेट एक वैश्विक  व्यवथा है जिसमे worldwide फैले हुए समस्त कम्प्युटर internet प्रोटोकॉल (टीसीपी/आईपी ) का पालन करतेहुए आपस मे इंटेर्कोनेक्ट रहते है  यह नेटवर्क का नेटवर्क होता है जिसमे private, public, academic, business, and government networks सभी प्रकार के नेटवर्क लोकल से ग्लोबल आपस मे  electronic, wireless, and optical networking technologies के विस्तृत शृंखला के  माध्यम से लिंक रहते है Internet  information resources और  services, जैसे World Wide Web (WWW), electronic mail, telephony, और file sharing के   interlinked hypertext documents और  applications की एक विस्तृत शृंखला प्रदान करता है |

• इंटरनेट आधुनिक और उच्च तकनीकी विज्ञान का एक महत्वपूर्ण आविष्कार है।

• इंटरनेट एक वैश्विक नेटवर्क है जो पूरी दुनिया के कम्प्यूटरों को एक साथ जोड़ता है।

• इसने रोज के कार्यों की प्राप्ति को बेहद आसान बनाया है। M

• इंटरनेट की वजह से ही ऑनलाइन संचार बहुत ही सरल गया है। और आसान हो IDUN

• इंटरनेट शिक्षा, यात्रा, और व्यापार आदि में बहुत उपयोगी है।

• इसकी मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा, प्रोजेक्ट, तथा रचनात्मक कार्यों में भी भाग ले सकते हैं।

• इंटरनेट का हमारे जीवन पर अच्छा और बुरा दोनों प्रभाव है।

• इंटरनेट मनुष्य को विज्ञान द्वारा दिया गया एक सर्वश्रेष्ठ उपहार है।

• यह मानव इतिहास में एक क्रांतिकारी परिवर्तन लाने का कार्य किया है।


|Evolution of Internet 

1962

यह 1962 में था जब अमेरिकी सरकार द्वारा ARPA बनाए जाने और लियोनार्ड क्लेनरॉक द्वारा पैकेट स्विचिंग की शुरुआत के बाद J.C.R Liklider ने पहली बार नेटवर्क वाले कंप्यूटरों के इंटरगैलेक्टिक नेटवर्क की अवधारणा को गढ़ा था।

1964-1967

राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला, ब्रिटेन में डोनाल्ड वाट डेविस द्वारा एक विशिष्ट पैकेट स्विचिंग नेटवर्क बनाया गया था जो विभिन्न क्षेत्रों में डेटा संचार में क्रांति लाता है।

1965

यह वह वर्ष था जब Massachusetts में TX-2 कंप्यूटर और कैलिफोर्निया में Q-32 कंप्यूटर के बीच लंबी दूरी के डायल-अप के माध्यम से पहला WAN या वाइड एरिया नेटवर्क बनाया गया था।

1972

इंटरनेट प्रोटोकॉल लागू होने और पहली आईपी कनेक्टिविटी बनने के बाद, 23 होस्ट के साथ आईएमपी नेटवर्क भी तेजी से बढ़ता है।

1973

अब यह वह युग है जहां पहले TCP/IP प्रोटोकॉल और ईथरनेट का आविष्कार किया गया था जो एक दूसरे के साथ संचार करने के लिए विभिन्न कंप्यूटर नेटवर्क को जोड़ता है।

1982

पहला इंटरनेट कनेक्शन एशिया में Kilnam Chon द्वारा स्थापित किया गया था जिसे एसडीएन के रूप में जाना जाता है और बाद में इंटरनेट के रूप में जाना जाता है।

1983

.edu, .com, .org आदि द्वारा किसी संगठन की पहचान करने के लिए नेटवर्क पते के साथ पहला DNS (डोमेन नाम सिस्टम) पेश किया गया था।

1984

पहला UNIX नेटवर्क जापान में विकसित किया गया था और पहला ई-मेल जर्मनी में प्राप्त हुआ था।

1988

पहला इंटरनेट exchange point टीसीपी/आईपी नेटवर्क और पहले commercial और non-commercial इंटरनेट नेटवर्क को जोड़कर स्थापित किया गया था। यह वह वर्ष भी था जब पहला ISP या इंटरनेट सेवा प्रदाता डेनियल करेंनबर्ग द्वारा बनाया गया था।

1989

पहला WWW Berners-Lee द्वारा बनाया गया था और Mac OS के लिए पहला वेब-ब्राउज़र एप्लिकेशन था।

1991

इस वर्ष वर्ल्ड वाइड वेब इंटरनेट पर सार्वजनिक उपयोग के लिए उपलब्ध है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में जानकारी का भार है।

1992

इंटरनेट पर पहली बार सफिंग का इस्तेमाल Jean Armour Polly ने किया था और नेट सर्किंग को ब्रेंडन केहो ने USENET पोस्ट में गढ़ा था। यह वह समय भी है जब ऑडियो और वीडियो मल्टीकास्ट आया था।

1993

यह वह वर्ष है जब CERN और दुनिया में पहली वेबसाइट "info.cern.ch" launched की गई थी। मूल रूप से, सर्न ने इस पहली वेबसाइट को पुनर्स्थापित करने के लिए एक परियोजना शुरू कीः info.cern.ch30 अप्रैल 1993 को, सर्न ने वर्ल्ड वाइड वेब सॉफ्टवेयर को सार्वजनिक डोमेन में डाल दिया।

1994

इस वर्ष में पहली वेबसाइट www.whitehouse.gov के नाम से व्हाइट हाउस द्वारा लॉन्च की गई और फिर कई अन्य व्यावसायिक वेबसाइट लॉन्च की गईं।

1998

Google ने कैलिफ़ोर्निया में अपना पहला कार्यालय खोला और वेब प्रकाशन उपकरण पेश किए गए.

1999

ब्राउजर अस्तित्व में आए जहां Netscape और Microsoft का बाजार का लगभग सौ प्रतिशत हिस्सा है। नैप्स्टर को संगीत अधिकारों के लिए पेश किया गया था। mozilla



इंटरनेट का इतिहास 2000 से 2010
2000: इस वर्ष, Yahoo! जैसी वेबसाइटें! और ईबे इंटरनेट की भेदयता को उजागर करते हुए, सेवा हमले के बड़े पैमाने पर इनकार से प्रभावित हैं।
2001: एक federal judge ने Napster को बंद कर दिया, यह फैसला सुनाते हुए कि उसे ऑनलाइन वापस जाने से पहले उपयोगकर्ताओं को कॉपीराइट सामग्री साझा करने से रोकने का एक तरीका खोजना
होगा।
2003: SQL Slammer वर्म सिर्फ 10 मिनट में दुनिया भर में फैल गया। Myspace, Skype और Safari वेब ब्राउज़र की शुरुआत हुआ था।
2003: ब्लॉग पब्लिशिंग प्लेटफॉर्म वर्डप्रेस (WordPress) लॉन्च हो गया है।
2004: फेसबुक ऑनलाइन हो जाता है और सोशल नेटवर्किंग का युग शुरू हो जाता है। और Mozilla ने Mozilla Firefox ब्राउज़र का अनावरण किया।
2005: इस वर्ष, YouTube.com लॉन्च हुआ। और सोशल न्यूज साइट Reddit की भी स्थापना की गई
थी।
2006: AOL अपने व्यवसाय मॉडल को बदलता है, अधिकांश सेवाओं को मुफ्त में पेश करता है और revenue करने के लिए विज्ञापन पर निर्भर करता है। पहली बार इंटरनेट गवर्नेस फोरम की बैठक हुई।
2006: Twitter लॉन्च किया। कंपनी के संस्थापक, Jack Dorsey, पहला ट्वीट भेजते हैं: "just setting up my twttr."
2009: इंटरनेट अपनी 40वीं वर्षगांठ मना रहा है।
इंटरनेट का इतिहास 2010 से 2020
2010: फेसबुक 400 मिलियन सक्रिय उपयोगकर्ताओं तक पहुंचता है।
2010: सोशल मीडिया साइट्स Pinterest और Instagram लॉन्च हो गए हैं।
2011: मध्य पूर्व के विद्रोहों में Twitter और Facebook एक बड़ी भूमिका निभाते हैं।
2012: Google जैसी तकनीकी कंपनियों और विकिपीडिया और इलेक्ट्रॉनिक फ्रंटियर फ़ाउंडेशन सहित गैर-लाभकारी संगठनों को शामिल करना, YouTube जैसी साइटों के लिए एक जीत माना जाता है जो उपयोगकर्ता-जनित सामग्री पर निर्भर करती हैं, साथ ही साथ इंटरनेट पर "उचित उपयोग" भी करती हैं।
2013: Edward Snowden, एक पूर्व CIA कर्मचारी और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NSA) के ठेकेदार, ने खुलासा किया कि एनएसए के पास एक निगरानी कार्यक्रम था जो अमेरिकी नागरिकों सहित हजारों लोगों के संचार को टैप करने में सक्षम था।
2013: Pew Research Center द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, इक्यावन प्रतिशत U.S. वयस्क रिपोर्ट करते हैं कि वे ऑनलाइन बैंकिंग करते हैं।
2015: इंस्टाग्राम, फोटो-शेयरिंग साइट, Twitter को पीछे छोड़ते हुए 400 मिलियन उपयोगकर्ताओं तक पहुंचती है, जो उसी वर्ष के मध्य तक 316 मिलियन उपयोगकर्ताओं तक पहुंच जाएगी।
2016: Google ने Google सहायक, एक oice-activated व्यक्तिगत सहायक कार्यक्रम का अनावरण किया, जो "smart" कम्प्यूटरीकृत सहायक बाज़ार में इंटरनेट की दिग्गज कंपनी के प्रवेश को चिह्नित करता है। Google Amazon के Alexa, Apple से Siri और Microsoft से Cortana से जुड़ता है।
2018: इंटरनेट-सक्षम उपकरणों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) में वृद्धि से वर्ष के अंत तक लगभग सात बिलियन डिवाइस देखे जा सकते हैं।
इंटरनेट का इतिहास 2020 से 2023
2021: जनवरी 2021 तक 4.66 अरब लोग इंटरनेट से जुड़े हैं। यह दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी है।
2022: लो-अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट इंटरनेट वास्तविकता के करीब है। जनवरी 2022 की शुरुआत तक, SpaceX ने कुल मिलाकर 1,900 से अधिक Starlink उपग्रह लॉन्च किए। यह समूह अब दुनिया भर के चुनिंदा क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड सेवा प्रदान कर रहा है।
नई दिल्ली 6 अक्टूबर, 2022: भारत के प्रमुख संचार समाधान प्रदाता, भारती एयरटेल ("एयरटेल") ने आज देश के कई शीर्ष शहरों में एयरटेल 5G प्लस के लॉन्च के बारे में अधिक जानकारी प्रदान की।
2023: ChatGPT से लेके कई सारे Al tools का उपयोग होने लगा है।

Advantages of Internet 





Disadvantages of Internet