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Tuesday, June 30, 2020
What is HTTP(Hyper Text Transfer Protocol) in Hindi

HTTP का पूरा नाम Hyper Text Transfer Protocol होता है यह एक ऐसा protocol है , जो मुख्यतः World Wide Web से data access करने में प्रयुक्त होता है . यह प्रोटोकॉल data को सामान्य Text , Hyper Text , Audio , video के रूप में Transfer करता है . यह Web server और Web Users के बीच Communicate करने के लिए उपयोग की जाने वाली Technology है . जिसे टिम बर्नर्स-ली ने मूल वर्ल्ड वाइड वेब को परिभाषित करने में अपने काम के भाग के रूप में 1990 के प्रारंभ में प्रारंभिक HTTP बनाया।
Hyper Text Transfer Protocol WWW- World Wide Web पर Files (Text , Graphics ,Image, Audio , video and अन्य media files ) को Transfer करने के लिए नियमो का एक Set है . यह protocol यह निर्धारित करता है की transfer होने वाले data का format कैसा होगा , उसका transmission किस तरीके से होगा और अलग –अलग commands पर browser server का response कैसा होगा .
आजकल browser में http type करने की जरुरत नही होती क्योंकि ब्राउज़र by default HTTP का उपयोग करता है इसलिए जब आप सीधे वेबसाइट का address enter करते हैं तो उसके सामने automatically http:// आ जाता है।
Features of HTTP :-
1- HTTP कनेक्शन रहित है (HTTP is connection less): HTTP client , अर्थात browser HTTP Request शुरू करता है और एक Request हो जाने के बाद, client process का इंतजार करता है। server Request को process करता है और एक प्रतिक्रिया (Response) भेजता है जिसके बाद client Connection को Disconnect करता है। इसलिए client और server वर्तमान Request और प्रतिक्रिया (Response) के दौरान एक दूसरे के बारे में जानते हैं। नए कनेक्शन पर आगे रिक्वेस्ट किए जाते हैं जैसे क्लाइंट और सर्वर एक दूसरे के लिए नए हैं।
2- HTTP स्वतंत्र मीडिया है (HTTP is media independent): इसका मतलब है, किसी भी प्रकार का डेटा HTTP द्वारा भेजा जा सकता है जब तक कि क्लाइंट और सर्वर दोनों को पता है कि डेटा कंटेंट को कैसे संभालना है। क्लाइंट के साथ-साथ उपयुक्त MIME का उपयोग करके कंटेंट प्रकार निर्दिष्ट करने के लिए सर्वर की आवश्यकता होती है।
3- HTTP स्टेटलेस है (HTTP is stateless): HTTP कनेक्शन रहित है इसी तरह यह HTTP का एक स्टेटलेस प्रोटोकॉल है। सर्वर और क्लाइंट केवल एक वर्तमान रिक्वेस्ट के दौरान एक दूसरे के बारे में जानते हैं। बाद में, दोनों एक-दूसरे के बारे में भूल जाते हैं। प्रोटोकॉल की इस प्रकृति के कारण, न तो क्लाइंट और न ही ब्राउज़र वेब पेजों पर विभिन्न रिक्वेस्ट के बीच जानकारी को बनाए रख सकते हैं।
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Monday, June 29, 2020
Sunday, June 28, 2020
Client Server Architecture in hindi

क्लाईंट कंप्यूटर की परिभाषा (client computer definition)
परिभाषा – Client एक तरह का computer Hardware है और हम इसे Software भी बोल सकते हैं जो की server के द्वारा हमें service देने का काम करता है।
यदि आपका server और किसी computer system में है तो भी client network के माध्यम से उसकी service की देख रेख की जा सकती है। इस तरह की देख रेख से काम करने वाले को हम client server Model बोलते हैं।
क्लाइंट कंप्यूटर क्या है? (What is client computer)
Client Server Architecture का Concept Local Area Networking में Shared Devices की process पर आधारित है . Local Area networking में एक से अधिक computers की संखाये आपस में Communication media के माध्यम से जुडी होती है .
Local Area Networking में सभी कंप्यूटर आपस में Hardware and Software को Share करते है .
client एक Computer या फिर program की मदद से दूसरे computer hardware और software जो की server से चलते हैं उनको Single भेजने का काम करता है। उदाहरण के तौर पर हम इसे ऐसे समझ सकते हैं Web browser भी एक तरह का client ही होता है जो की Web server से जुड़ा हुआ होता है और Web page आदि को display कराने का काम करता है।
क्लाईंट सर्वर कंप्यूटर की विशेषताये - (Characteristics of client server )
1- यह Powerful work stations पर उपलब्ध Graphical User Interface (GUI) को use करने की सुविधा display करता है .
2- यह Open System की acceptance को allow करता है . इस तथ्य के अनुसार Clients तथा Server विभिन्न प्रकार के Hardware and Software Platform पर Run कर सकते है .
3- यह End User के लिए Particular Properties Architecture से स्वयं को मुक्त करता है . इस प्रकार Open Market के उपलब्ध Product के Economical , Marketing तथा Competitive लाभों का प्राप्त किया जा सकता है .
4- वह corporation के लिए desktop , computing Technology को अच्छी तरह से allow करता है .
5- इस तकनीकी के दुआरा Networking Traffic को Reduce किया जा सकता है तथा प्रभावी गति को प्राप्त किया जा सकता है .
क्लाईंट सर्वर कंप्यूटर के प्रकार (Types of client server architecture)
1. थिक(Thik) – इसको हम Rich client या फिर Flat client भी बोलते हैं यह data को process करने का काम करता है और पूरी तरह से server पर निर्भर नहीं रहता है । जो हमारे कम्प्युटर होते हैं वह भी फेट क्लाईंट का ही एक उदाहरण है। इसमे बहुत तरह के option होते हैं जिससे की यह client की क्षमता बढाने का काम करते हैं। computers जो की अकेला मशीन को संकेत देने का काम करते हैं वह network से file लेने और भेजने में काफी सहायक होते हैं और इन्हे हम work station भी बोलते हैं।
2. थिन (Thin) –Thin client Host computer के संसाधन का काम करते हैं। यह उस process data को दिखाता है जो की server की application द्वारा दिखाया जाता है जो की ज्यादा मात्रा में data Processing का काम करते है।
3. हाइब्रिड (Hybrid) – यह ऊपर के दोनों मॉडलों का मिश्रण होता है। यह सही से अच्छे डाटा के लिए सर्वर पर निर्भर होता है। एक उपकरण जो की ऑनलाइन विडियो गेम डियाब्लो 3 को चलता है वह हाइब्रिड क्लाईंट का उदाहरण है।
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Saturday, June 27, 2020
Internet Chatting By:- G. Yadav
Chatting Internet पर की जाने वाली एक रोचक क्रिया है। यह Telephone पर बात करने के समान है। अंतर केवल यह है कि बोलने की जगह हम अपनी बात या संदेश की बोर्ड पर टाईप करते है, जो तत्काल ही प्राप्तकर्ता के माॅनीटर की स्क्रीन पर तुरंत ही भेज दिया जाता है। तब प्राप्तकर्ता अपने की बोर्ड पर उसका उत्तर टाईप करता है, जो हमारे Monitor की स्क्रीन पर तुरंत ही दिखा दिया जाता है। इस प्रकार बातचीत तब तक चलती रहती है। जब तक आप चाहते है। इस तरह की चैटिंग को टेक्स्ट चैट कहा जाता है
Chatting Chat Group मे की जाती है। किसी chat Group को Channel भी कहा जाता है। चैनल समान्यतः विशेष विषयो पर केन्द्रित होते है जैसे-राजनीती, खेल, संगीत, फिल्म आदि। प्रत्येक चैनल का नाम ‘#’चिन्ह से प्रारंभ होता है। उदाहरण के लिये #politics एक चैनल भी हो सकता है, जो राजनीति पर केन्द्रित हो। हम अपनी रूचि के चैट समूह या चैनलो को इंटरनेेट पर खोज सकते है। बहुत से प्रसिध्द व्यक्ति भी चैट समूहो मे शामिल होते है।
किसी चैट समूह मे शामिल होने वाले प्रत्येक व्यक्ति का एक उपनाम होता है। सामान्यतः लोग अपने असली नाम की जगह किसी उपनाम का उपयोग करते है। इसलिये हम अपनी वास्तविक पहचान बताये बिना सरलता से और स्वतंत्रता से चैटिंग कर सकते है। यदि कोई उपनाम ‘@’ चिन्ह से प्रारंभ हो रहा हो, जैसे -@robotman,तो वह किसी व्यक्ति के बजाय उस प्रोग्राम का नाम होता है, जो उस चैट समूह को संचालित या व्यवस्थित करता है।
चैटिंग, इन्टरनेट के माध्यम से एक दूसरे से संवाद (Communication) करने की प्रक्रिया है | इसमें दो या अधिक यूजर एक साथ इन्टरनेट के माध्यम से टेक्स्ट, ध्वनि या विडियो के रूप में एक दूसरे से बात कर सकते है |वर्तमान चैटिंग न सिर्फ टेक्स्ट के द्वारा होती है, बल्कि Video Chat, Voice Chat से भी संभव है | इसे इन्टरनेट रिले चैट (International Relay Chat) भी कहा जाता है |
Modes Of Chatting :-
Text Chat (टेक्स्ट चैट)
हम अपनी बात या message key –board पर type करते है , जो तत्काल ही Receiver के Monitor की Screen पर Show होता है तब receiver उसका Answer Reply करता है .
यह चैट का सबसे प्रचलित और पुराना माध्यम हैं इसके माध्यम से एक यूजर दूसरे यूजर को लिखित में कोई भी information भेज सकता हैं और प्राप्त कर सकता हैं| जैसे – Message एक Text Chat हैं |
Voice Chat (वोइस चैट)
यह Chat का आधुनिक रूप है, इसमें दो यूजर आपस में एक दूसरे से ध्वनि के माध्यम से जुड़े रहते है| ध्वनि प्राप्त करने के लिए स्पीकर लगा होना आवश्यक है और बात करने के लिए माइक्रोफोन का उपयोग किया जाता है | यदि इन्टरनेट की गति कम है, तब आवाज़ रुक रुक कर आती है |इसमें बात करने का शुल्क समय पर निर्भर नहीं होता बल्कि डाटा स्थान्तरण की मात्रा पर निर्भर करता है|
Video Chat (वीडियो चैट)
इन्टरनेट पर फेस टू फेस बातचीत को Video Chat कहा जाता है जिसमे वेब केम (Web Came) और उससे सम्बंधित सॉफ्टवेयर की आवश्यकता पड़ती है | इसे वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग भी कहा जाता है |
आज के समय में Video Chat एक प्रसिद्ध एवम् उपयोगी प्रकिया है . इसके माध्यम से दो या दो से अधिक व्यक्ति एक सा interact कर सकते है . Video Chat दुआरा chat कर रहे व्यक्ति एक दुसरे को देख एवम् सुन सकते है जिससे यह प्रतीत होता है की वे chat कर रहे व्यक्ति किसी अलग –अलग स्थान से नही बल्कि एक स्थान पर आमने –सामने बैठे हो .
निम्नलिखित website video chatting की facility provide करती है –
(१) Yahoo
(२) Gmail
(३) Skype
Internet Relay Chat By:-G Yadav
Internet Relay Chat
IRC का पूरा नाम internet relay chat (इन्टरनेट रिले चैट) है. यह एक application layer प्रोटोकॉल है जिसका प्रयोग इन्टरनेट में text message के रूप में communication करने के लिए किया जाता है. और इसमेंmessages का ट्रांसमिशन real-time में होता है.
सरल शब्दों में कहें तो “internet relay chat एक service है जिसके द्वारा users एक दूसरे से ऑनलाइनchat कर सकते है.”
इसका निर्माण Jarkko Oikarinen ने 1988 में किया था और यह पहला ऐसा chat system था जिसमें कि दो से ज्यादा लोग एक-साथ chat कर सकते थे.
Advantages of IRC
1. यह एक open source चैट सिस्टम है जिसका प्रयोग कोई भी व्यक्ति कर सकता है. और इसमें अपने server कोsetup करके जैसे चाहे वैसे use कर सकता है.
- इसमें जो channels होते हैं वे बहुत ही flexible और robust होते है जिसके कारण इसमें जो discussion होता है वह real time होता है और बहुत सारें लोग इसमें बिना किसी रुकावट के chat कर सकते हैं.
- इसका जो सबसे बड़ा लाभ है वह इसकी privacy है. चूँकि IRC में access levels और कठिन channel modes होते है. जिसके कारण इसकी privacy बहुत ही मजबूत बन जाती है. इसमें किसी भी user को उसके ip address के आधार पर ban किया जा सकता है. इसमें channel को हम secret भी बना सकते है और बिना invitation याsecret code के कोई भी व्यक्ति channel में प्रवेश नही कर सकता.
- इसके द्वारा हम पूरे विश्व में नए लोगों से मिल सकते है और उनसे communicate कर सकते हैं.
Disadvantages of IRC
- chat में कुछ लोग गलत information और jokes को send करते है जिसके कारण दूसरे users उन्हें सच समझ लेते है.
- इसमें चैट के लिए words की length सिमीत होती है.
- इसमें discussion को organize और control कर पाना बहुत ही मुश्किल होता है क्योंकि users कभी कभी off-topic का discussion शुरू कर देते हैं.
- चैट में कुछ व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को गालियाँ देते है और चिडाते है जिसके कारण दूसरा व्यक्तिdepression में चला जाता है या फिर suicide कर लेता है.
- इसकी security बहुत ही कमजोर होती है क्योंकि इसमें encryption तकनीक का प्रयोग नहीं होता है. जिसके कारण हमारा डेटा safe नही होता है.